तुम ही हो जिसे चलना है कविता – अजीत बहादुर (Tum Hi Ho Jise Chalna Hai by Ajit Bahadur)

अगर तुम्हें किनारे तक जाना है,

तो बहाव बनना होगा।

सबसे तेज चमकना है,

तो जलना होगा।

वो तिनका जिसे किनारा मिला था

और वो जुगनू रातों में, जो

जला या तुम ही हो।

तुम ही हो जिसे चलना है।

­- अजीत बहादुर 

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