तस्वीरें बोलती ही नहीं गुनगुनाती भी हैं,
बहुत सी अनकही कहानियाँ सुनाती भी हैं,
सिर्फ देखना काफी नहीं,
इन्हें पढ़ना भी सीखो,
राज़ कुछ गहरे ये छिपाती भी हैं।
डाल देती है पर्दा उदासियों पर मासूमियत का,
तो खुलकर बेबाक खूब मुस्कुराती भी हैं,
बतियाती है बहुत कभी बतिया के तो देखो,
- सुनती है मेरी तो खुद की सुनाती भी है
तस्वीरे बोलती ही नही गुनगुनाती भी हैं।
– सुंदरम दिवाकर( युटुबर )