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जिंदगी से बड़ी कोई सजा ही नहीं ग़ज़ल – कृष्ण बिहारी ‘नूर’
इस एक डर से ख़्वाब देखता नहीं ग़ज़ल – तहज़ीब ह़ाफी
किताबें कविता – गुलज़ार साहब
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है – कुमार विश्वास
स्मृतियां कविता – पल्लवी मंडल बिहार
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