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नींद में भी उठती हैं आवाजें, हिंदी कविता – डॉ. पल्लवी सिंह ‘ अनुमेहा ‘
एक ही चेहरे में छुपे चेहरे बहुत हैं, हिंदी कविता – आश हम्द
हिंदी है हमारी शान, हिंदी कविता – मनोज कौशल
बेबाकपना भी बनी रहे हिंदी कविता – मोहन तिवारी
बस याद ही याद आ रहा था कविता – दिव्य त्रिपाठी
बड़ा सहम सा जाता हूं हिंदी कविता – सुमित जोशी ‘ राइटर ‘
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