सारे जगत में शिक्षक महान हैं,
वह बनाता जगत को इंसान है।
गुरु ही तो हमको ज्ञान देता है,
गुरु अज्ञान रूपी चक्षु खोलता है।
गुरु के बिना जिंदगी बेकार है,
गुरु के बिना यह सूना संसार है।
गुरु हमको अच्छे राह पर चलना सिखाता है,
गुरु हमारी बुद्धि प्रखर व बुद्धिमान बनाता है।
गुरु कभी भेद-भाव नहीं करता है,
गुरु हमारे अज्ञानी अंधकार को हरता है।
गुरु हमें वर्णमाला में पिरोता है,
गुरु हमको ज्ञान-सागर में भीगोता है।
गुरुओं का हमेशा हमें मान-सम्मान करना चाहिए,
हमें गुरुओं का वंदन और प्रणाम करना चाहिए।
गुरु हमारे लिए सारथी की तरह होते हैं,
गुरु हमको अज्ञानी सागर से निकालते हैं।
गुरु के बिना हम ज्ञान कभी नहीं पा सकते हैं,
गुरु ही तो अपने शिष्यों की पीड़ा को हरते हैं।
– प्रभात सनातनी “राज” गोंडवी