सारे दौलत पे ध्यान देते हैं,
हम मुहब्बत का ज्ञान देते हैं।
ये अज़ब दौर है सियासत का,
लोग क्या-क्या बयान देते हैं।
अब हम भी नहीं करेंगे कॉल,
खुद से खुद को ज़बान देते हैं।
आप तो फिर भी मेरे अपने हो,
अरे, हम तो गैरों पर जां देते हैं।
उससे मिलने में है परेशानी,
लोग जो हम पे ध्यान देते हैं।
– अभिषेक सिंह ‘ अंकुर ‘