अज्ञानता में डूबे हुए लोग,
कभी सत्य को देख ही नहीं सकते हैं।
जो सत्य को देखते हैं,
वे अहंकार से अधिक ऊपर होते हैं।
जो अहंकार से ऊपर होते हैं,
वो सदैव नई दुनियां का निर्माण करते हैं।
वही लोग इस दुनियां को सिखाते हैं,
कि ,दुनियां का वास्तविक स्वरूप क्या है ?
मेरा, तेरा, अपना, पराया से,
ऊपर भी एक दुनियां है।
उस दुनियां का यथार्थ सत्य जिसने जान लिया,
वो स्वयं को प्रकाशित कर लेता है।
जो स्वयं को प्रकाशित कर लेता है,
वह सारे बंधनों से मुक्त हो जाते हैं।
जो सारे बंधनों से मुक्त हो जाते हैं ,
उनके पास न गुरुर, घमंड, न ही घृणा होती है ।
उनके लिए संसार ही सबकुछ होता है,
आखिरकार वो इस संसार से विलीन हो जातें हैं।
– अवधेश पटेल
असिस्टेंट प्रोफेसर लेडिस श्री राम कॉलेज फॉर वूमंस ( डीयू )