एक कविता रक्षा बंधन पर …
आया राखी का त्योहार;
लाया सावन की फुहार!!
अटूट बंधन भाई बहन का,
वादा खुशियों के जीवन का;
राखी रंग-बिरंगी लाई,
बांधी भइया की कलाई;
माथे पर है तिलक लगाया,
मिठाई का है थाल सजाया;
फिर भाई ने दिया है वचन,
सदा करेगा रक्षा का पालन!
दिल से भावुक बहन ने कह;
दिया है लम्बी उम्र की दुआ,
साथ बिताए बचपन के दिन;
यादें ताजा करती राखी की रिमझिम।
हर साल ये त्योहार आए,
भाई-बहन का प्यार बढ़ाए।
रिश्तों की ये मिठास,
जीवन में लाए नई आस।
पावन पर्व ये रक्षा बंधन,
सावन में खुशियों का संगम।।
– कुमार मयंक