जब मन शांत हो जाए
और तुम कोलाहल पर काबू कर लो,
क्रोध से जीत जाओ
तो फिर जबाव देने के लिए शब्दों की
जरूर नहीं पड़ती
तुम्हारा मौन सब कह देता हैं
फिर वहम करना फिजूल लगता हैं
ये वो स्टेज हैं जहां से सब कोई तुम्हें
पीछे खींच नहीं पाएगा
तुम सब हार कर जाओगे ।
– अजीत बहादुर