पता नहीं कुछ नया नहीं है

पता नहीं कुछ नया नहीं है
जिंदगी में फिर भी
एक आस एक उम्मीद
हमेशा होती है कि चाहे कुछ भी हो आखिर में सब कुछ अच्छा हो ही जाएगा,
या आप सभी का भेजा गया प्यार है
जो मुझे हारने नहीं देता
सच कहूं तो ये न हारने वाली ताकत मुझे हमेशा लड़कियों से मिलती है,
जो बंधन में रहकर भी उड़ना सिख लेती हैं
हर मां से मिलता है जो सब कुछ सहकर भी मुस्कुराती रहती
है
हर उड़ान पंछियों से मिलता है
जो न चाहकर भी सुबह उठना सीख देती है
हर रास्ता जल से मिलता है
जब चलता है तो रास्तों का निर्माण अपने आप कर लेता
हर प्रेम अजीज दोस्तों से मिलता है क्योंकि मैं गलत हूं या सही हूं फिर भी वह अपना प्रेम कभी जताते नहीं हैं
हर आगाज हमें अपनी पुस्तकों से मिलता है और क्रांति कलम से
ऐसी क्रांति है तो कभी खत्म न होने वाली एक अटल और अद्भुत है
मैं कुछ ऐसा लिखूंगा, जिसको लिखने के बाद, जिंदगी में कुछ विशेष बचे ही नहीं…..

– अजीत बहादुर

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