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इस एक डर से ख़्वाब देखता नहीं ग़ज़ल – तहज़ीब ह़ाफी
पाले हैं सांप भी ग़ज़ल – जुनैद मिर्ज़ा
किताबें कविता – गुलज़ार साहब
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है – कुमार विश्वास
पिता के न होने का दर्द, उनकी कमियां बताती ये कुछ पंक्तियां।
रिश्ते में – अजीत बहादुर बनारस
विचार से भी मुक्कमल नहीं होता है व्यवहार – पल्लवी मंडल बिहार
स्मृतियां कविता – पल्लवी मंडल बिहार
आजाद देश की गुलाम बेटियां कविता – आकांक्षा तिवारी
हर तरफ एक कोहराम मचा है कविता – आश हम्द, पटना
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