ओपेनहाइमर: काश वह डॉक्टर होता
यह मानवता का दुर्भाग्य है,
उसकी महान प्रतिभा का उपयोग,
परमाणु हथियार बनाने में किया गया,
काश वह विज्ञान का शस्त्र न चुनता,
जीवन का वह रक्षक बनता।
काश वह डॉक्टर होता,
न होता बम का विकास,
न उठतीं विनाश की लहरें,
न मानवता के अस्तित्व पर,
संकट का ऐसा साया पड़ता।
काश वह डॉक्टर होता,
बच जाता वह संघर्ष से,
विज्ञान और नैतिकता के,
राजनीतिक, प्रशासनिक तनाव से,
हिरोशिमा, नागासाकी की पीड़ा से,
लाखों जीवन बच जाता।
काश वह डॉक्टर होता,
तो अपनी महान प्रतिभा से,
मानवता के कल्याण हेतु,
न चढ़ता वह विज्ञान की सीढ़ी,
न विनाश का सृजनकर्ता बनता।
काश वह डॉक्टर होता,
तो हाथ में होते औषधि के फूल,
मेडिकल क्षेत्र में लाता क्रांति,
उन रोगों का करता इलाज,
जो छीनते हैं लाखों जानें।
काश वह डॉक्टर होता,
पूज्य होता मानवता के मंदिर में,
विश्व का उत्थान होता,
मानवता का कल्याण होता।
ओपेनहाइमर,
काश वह डॉक्टर होता।
– प्रतीक झा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज
Kya baat hai
Khub Beautiful poem
Bahut hi saandar rachana hai