जौन एलिया शायरी – सीरीज 3rd

खर्च चलेगा अब मेरा किस के हिसाब में भला,

सबके लिए बहुत हूं, मैं अपने लिए ज़रा नहीं।

जमा हमने किया है गम दिल में,

इस का अब सूद खाए जाएंगे।

 

जो गुजारी न जा सकी हम से,

हम ने वो ज़िंदगी गुजारी है।

 

जिंदगी किस तरह बसर होगी,

दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में।

 

‘ जौन ‘ दुनिया की चाकरी कर के,

तूने दिल की वो नौकरी क्या की।

 

नया इक रिश्ता पैदा क्यूं करें हम,

बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं कारें हम।

 

नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी,

तो फिर दुनिया की परवाह क्यूं करें हम।

 

अब मैं सारे जहां में हूं बदनाम,

अब भी तुम मुझको जानती हो क्या ?

 

है रुह प्यासी कहां से आती है,

ये उदासी कहां से आती है।

 

मुझसे कहती थीं वो शराब आंखें,

आप तो ज़हर मत पिया कीजे।

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments