सपने ज़रूरी हैं , ख्वाहिशें ज़रूरी हैं , इबादत ज़रूरी है,
ज़रूरत ज़रूरी है , ज़रूरत पूरे करने के ज़रिए ज़रूरी है।
सपने संजोना जिंदगी सिखाती है, पर उन्हें,
पूरे करने के मौके भी तो जिंदगी ही देती है ।
लोग कहते हैं कि, ज़िंदगी की परेशानियांँ
ज़रूरतों से लड़ाती है पर हमारी मुठ्ठी की लकीरें
हमें जिंदगी के असल मोड़ से भी तो मिलाती हैं।
वो दिया भी खुद को जलाए नही रखता
जैसे वो जानता हो कि, ये बस लौह है,
एक दिन बुझ ही जाएगा।
इसलिए, सपने ज़रूरी हैं, ख्वाहिशें ज़रूरी हैं,
इबादत ज़रूरी है, ज़रूरत ज़रूरी है।
– तान्या डबराल
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