दिनेश और कार्तिक दो मित्र हैं और साथ में ही वो एक साथ पढ़ाई भी करते हैं क्योंकि सिर्फ़ मित्र ही नहीं उसके साथ वो दोनों विद्यार्थी भी हैं जिससे उनकी मजबूरी होती है पढ़ाई करना।
एक दिन दोनों साथ में पढ़ाई कर रहे होते हैं , दिनेश भूगोल पढ़ रहा होता है तो, वहीं कार्तिक राजनीति विज्ञान , मजे की बात यह है की वो दोनों पढ़ भले ही रहे थे लेकिन उन दोनों को समझ में कुछ नहीं आ रहा था, पर वो दोनों हार कैसे मान लेते , आख़िर अगर दिनेश कार्तिक से और कार्तिक दिनेश से बता देता की उनको आज पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो हो सकता था की उनका भौकाल ख़राब हो जाता , बस यही कारण था की वो दोनों बिना कुछ बोले किताब को झांके जा रहे थे, और ऊब रहे थे लेकिन हिम्मत नहीं हार रहे थे की उनमें से एक भी ये बोल दे की आओ यार कहीं बाहर चलते हैं।
कुछ देर बाद …
दिनेश – तुमको कुछ समझ में आ रहा है ?
कार्तिक – नहीं !
कार्तिक – और तुमको ?
दिनेश – नहीं।
कार्तिक – तो अभी तक बताए क्यों नहीं यार उतनी देर से मैं भी ऊब रहा हूं और तुम भी।
इस बात से दोनों अचानक ठहाके मार के हंसने लगे एक दूसरे के ऊपर ये बोलते हुए कि-
जब समझ में नहीं आ रहा था तो पहले ही बता देते ( दिनेश कार्तिक से और कार्तिक दिनेश से बोल रहा था )
फिर अचानक दोनों का मूड पढ़ाई छोड़कर बाहर जाने का बन जाता है।
दिनेश कार्तिक से बोलता है की आओ बाहर चलें
कार्तिक – चलो
और दोनों बातें करते हुए एक पास के होटल पर पहुंच जाते हैं ,मजे लेने के लिए।
कुछ देर बाद छंगू दादा भी उसी होटल पर पहुंच जाते हैं क्योंकि छंगू दादा समाचार पत्र पढ़ने के आदत में होते हैं।
छंगू दादा होटल पर पहुंच भले ही गए थे लेकिन आज समाचार पत्र वो पढ़ने को नहीं पा रहे थे क्योंकि आज समाचार पत्र के कुछ हिस्से कार्तिक तो कुछ हिस्से दिनेश लिए पढ़ रहे थे। होटल में और कोई समाचार पत्र था नहीं इसलिए छंगू दादा समाचार पत्र पाने के लिए बगल में बैठे इंतजार कर रहे थे।
छंगू दादा इंतजार में लगे थे और वो दोनों पढ़ने में
छंगू दादा इंतजार में लगे थे और वो दोनों पढ़ने में
छंगू दादा इंतजार में लगे थे और वो दोनों पढ़ने में
छंगू दादा इंतजार में लगे थे और वो दोनों पढ़ने में
कुछ समय बाद जब छंगू दादा का सब्र का बांध टूटा तो, वो उन दोनों से बोले !
बेटा समाचार पत्र अगर पढ़ चुके हो तो दे दो अब
लेकिन उन दोनों ने छंगू दादा के सवाल का कोई भी जवाब नहीं दिया।
नतीजा ये निकला की छंगू दादा को फिर से वही सवाल दोहराना पड़ा कि
“बेटा समाचार पत्र अगर पढ़ चुके हो तो,
दे दो अब ”
इस बार वो दोनो ठहाके मार के हंसने लगे
छंगू दादा ने पूंछा का हुआ बच्चा ?
वो दोनों फिर से जोर – जोर से हंसने लगे
छंगू दादा- आखिर बताओगे क्या हुआ ?
( थोड़े गुस्से में )
दिनेश और कार्तिक दोनों इस बार और ज़ोर से हंसे और कुछ देर बाद बोले ….
दादा हम दोनों लोग समाचार पत्र पढ़ ही नहीं रहे थे
छंगू दादा – तो ?
वो दोनों एक साथ हंसते हुए बोले हम दोनों लोग तो फ़ोटो देख रहे थे , न की पढ़ रहे थे और आपको लगा की हम दोनों समाचार पत्र पढ़ रहे हैं।
उसके बाद वो दोनों आपस में हंसने लगे और छंगू दादा उनको दंग भर आंखों से देखते रह गए।
– प्रदीप कुमार