दीपावली का पावन पर्व , साल भर में आता है।
इतनी खुशियां लाता है, मन को बहुत हरसाता है।
झिलमिल, झिलमिल दीपों से, आंगन की शोभा महकेगी।
प्यार की गीत गाए फुलझडियां, देखो गूंज पटाखों की।
श्री राम के आने पर हम, खुशियां खूब मनाते हैं।
लड्डू, मेवा और मिठाई, खूब प्यार से खाते हैं।
गौ माता के मस्तक पर हम, चंदन तिलक लगाते हैं।
हल्दी, चंदन, पुष्प की माला, आरती मां की गाते हैं।
हिंद देश के हम हैं वासी, हिंदुस्तान हमारा है।
सब त्योहारों का ये राजा, दीपदान कहलाता है।
– महेश मीना