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आज तुमने तोड़ दी है सारी कसमें, हिंदी कविता – अभिषेक सिंह ‘ अंकुर ‘
प्रतिशोध हिंदी कविता – मोहन तिवारी
जिंदगी संवर जाती हिंदी कविता – मोहन तिवारी मुंबई
सबको शिक्षा, सबको ज्ञान, हिंदी कविता – मनोज कौशल
बेटियां हिंदी कविता – मुकेश कुमार सोनकर ( छत्तीसगढ़ )
ज़रूरी है की बेटियां अब हथियार उठाएं, हिंदी कविता – दिव्या दीक्षित
बस यही कहती हैं हिंदी कविता – मोहन तिवारी
हद्द है यार, हिंदी कविता – अनुराधा ओस
शृंगार अपूरित है मेरा, हिंदी कविता – गरिमा मिश्रा
नींद में भी उठती हैं आवाजें, हिंदी कविता – डॉ. पल्लवी सिंह ‘ अनुमेहा ‘
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