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सर पे है मेरे बाप का साया अभी तलक, ग़ज़ल – प्रदीप प्यारे
सारे दौलत पर ध्यान देते हैं हिंदी ग़ज़ल – अभिषेक सिंह ‘ अंकुर ‘
न सोचा था ये दिल लगाने से पहले ग़ज़ल – शकील बदायूंनी
इक मकाँ और बुलंदी पे बनाने न दिया , ग़ज़ल – मंज़र भोपाली
ग़ज़लें – राहत इंदौरी
लगा कर दिल, सजा वो पा रहा है, ग़ज़ल – अकबर खान ‘ अकबर ‘
ये ज़बाँ हम से सी नहीं जाती, ग़ज़ल – दुष्यंत कुमार
इस एक डर से ख़्वाब देखता नहीं ग़ज़ल – तहज़ीब ह़ाफी
पाले हैं सांप भी ग़ज़ल – जुनैद मिर्ज़ा
हर तरफ एक कोहराम मचा है कविता – आश हम्द, पटना
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