Best Poems by Aakash Umang from wah bhai wah || आकाश उमंग की बेहतरीन कविताएं वाह भाई वाह से

कश्मीर की जैसी लगती है

तू एकदम तस्वीर की जैसी लगती है।

राँझे की तू हीर की जैसी लगती है।

तेरा चेहरा हंसी वादियों सा लगता,,

तू भी तो कश्मीर की जैसी लगती है।

 

तेरी वह तस्वीर बदलती लगती है।

दिल में उठती पीर बदलती लगती है।

फिर से मेरे जीवन में तुम आ जाओ,,

रांझे को अब हीर बदलती लगती है।

– आकाश उमंग

 

 

भाभी कैसी है 

मेरे यार पूंछते हैं कि भाभी कैसी है।

मैं कहता हूं मेरे भाईयों हथिनी जैसी है।

 

बंध…..1

बीस रोटियां ऐतना चावल खाती है रोजाना,

पिज्जा बर्गर और जलेबी खाय के खाए खाना।

मोटी ताजी और वो बिल्कुल भैंस कि मौसी है।

मेरे यार पूंछते हैं कि भाभी कैसी है।

 

बंध….2

पिछले जन्म के कर्म मेरे जो मिली है बीवी मोटी,

सीने तक आती है दादा हाईट में भी छोटी,

बात-बात में करती मेरी ऐसी तैसी है।

मेरे यार पूंछते हैं कि भाभी कैसी है।

 

बंध…3

सत्या और वर्तिका की वो बनकर आई अंटी,

अब घर वालों की चाहत है आंगन में खेले बंटी,

प्यारे-प्यारे नन्हें से बच्चों की एजेंसी है।

मेरे यार पूंछते हैं कि भाभी कैसी है।

 

बंध…4

मैं मुर्गे की लेगपीस हूं वो बकरे की बोटी,

मैं चिपकी हुई जींस के जैसा वो है ऊनी कोटी,

मैं गन्ने वाला जूस हूं तो वो जैसे लस्सी है।

मेरे यार पूंछते हैं कि भाभी कैसी है।

 

बंध…5

दो कुंटल का वजन है उसका लगती है भौकाली,

बालीवुड की अर्चना सिंह भोजपुरी अम्रपाली,

गोल मटोल है वो टैडी ज्यूं बहुत क्यूट सी है

मेरे यार पूंछते हैं कि भाभी कैसी है।

 

बंध..6

निर्जल व्रत उपवास एकादश सारे कर लेती है।

पति की खातिर सूर्य को भी ना उगने देती है।

गांधारी सावित्री उर्मिला तारा जैसी है।

मेरे यार पूंछते हैं कि भाभी कैसी है।

 

बंध..7

ये रिश्ता है अजब अनूठा दुनिया में इकलौता,

चाहे जैसी परिस्थिति हो कर लेती समझौता,

प्यारी बहुत है बस मैं कहता ऐसी वैसी है

मेरे यार पूंछते हैं कि भाभी कैसी है।

– आकाश उमंग

 

हास्य कवि आकाश उमंग जी का अनोखा अंदाज़… कृपया मनोरंजन को मनोरंजन की नजरों से ही देखें।

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