।। कविता ।।
1 –
ए कविता कब पूर्ण होगी तुम…?
भावनाओं को किनारा दोगी क्या तुम…?
हर वाक्य जैसे अधूरा रह जाता है…
शब्द मेरे तुम्हें ढूंढते रहते हैं…
कभी स्वर मिल जाता है, तो ताल गुम हो जाता है…
तुम अपूर्ण क्यों ऐसा प्रश्न मन में आ जाता है…
कभी खत्म ना होने वाली कहानी हो तुम…?
या मन में उठने वाली ठंडी हवा का झोंका हो तुम…?
ए कविता कभी पूर्ण होगी तुम…?
या तुम्हारा सुगंध मन में बसा रहेगा मेरे।
2-
।। साॅरी ।।
रात हमारे बीच तकरार हुई…
तकरार का रुपांतर हुआ झगड़े में…
रुठ कर चली गई वह…
सुबह हुई जैसे कुछ हुआ नहीं…
वह तैयार हुई…
उसने सुंदर गुलाबी साड़ी परिधान की…
बालों में गजरा लगाया…
माथे पर लाल बिंदी…
हल्की गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाई…
आंखों में काजल लगाया…
कानों में झुमके…
ऐसा साज सिंगार कर…
एक तस्वीर भेजी मुझे…!
कौन कहता है की…
लड़कियां साॅरी नहीं बोलती…!
– अच्युत उमर्जी
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