हमारे बारे में

लेखनशाला संस्था की स्थापना 13 जुलाई 2024 को की गई थी। जिसका मकसद हर उस शख्स तक पहुंचना है जो लिखना चाहते हैं, पढ़ना चाहते हैं, साहित्य में रुचि रखते हैं लेकिन उनके पास किसी भी प्रकार की कोई विकल्प नहीं है जिससे वो अपनी बातों को लोगों के मध्य रख पाएं। इसलिए हमारा उद्देश्य यही है कि हम हर उस शख्स तक पहुंचे जो इन परेशानियों से जूझ रहे हैं और साहित्यिक सेवा भी करना चाहते हैं। हमारी ये संस्था सभी लेखकों, पाठकों और तमाम सहपाठियों के लिए लाभप्रद होगी। हम हर संभव प्रयास करेंगे की इस संस्था के माध्यम से हम पाठकों के लिए हर रोज़ कुछ न कुछ नया लाएं जिससे उन पाठकों को थोड़ी आसानी प्राप्त हो। [read more]

साहित्य समाज का दर्पण होता है और मैं या मेरी पूरी टीम इसके इर्द – गिर्द ही घूम रहे हैं। हमारा मकसद लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है और उनका सहारा बनना है, उनका जरिया बनना है कि हम इस संस्था के माध्यम से उनकी थोड़ी सी मदद कर उन्हें खुश देख सकें। हम हर संभव प्रयास करेंगे की हम आपके लिए कुछ अच्छा कर सकें। हम जो भी रहेंगे, बनेंगे आपके सहयोग से ही बनेंगे। लेखनशाला मेरी संस्था नहीं बल्कि ये आपकी संस्था है। हम तो आप तक पहुंचने के लिए बस एक जरिया मात्र हैं। वायदा मेरा, भरोसा आपका।

हमारे इस मुहीम में कई सारे नाम जुड़े हैं, जो अपना – अपना काम बहुत ही शालीनता से कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ़ आपको खुशियां देना है इसलिए अगर आप लेखनशाला संस्था से थोड़ी भी खुशियां पाए तो वो हमारे लिए हमारी सफ़लता होगी।

नोट – लेखनशाला में प्रकशित एक भी कविता, शायरी, गज़ल, गीत, आलेख, कहानी आदि का मकसद किसी को दुःख पहुंचाना , चोट पहुंचाना या किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ़ देना नहीं है।