जगदीश प्रसाद मण्डल बिहार राज्यान्तर्गत मधुबनी जिलाक ‘बेरमा’ गामक निवासी छैथ। हिनक जन्म 05 जुलाइ 1947 इस्वीमे भेलैन। दू विषयसँ एम.ए. केलाक बाद ई अप्पन गाम-समाजक संग रहए लगला। पछाति ऐठामक रूढ़ि आ सामंती व्यवहार हिनका बेस हतोत्साहित केलकैन आ ई ओकर विरुद्ध लड़ाइमे व्यस्त भऽ गेला। दर्जनो केस-मोकदमा, दर्जनो खेप जहल यात्रादिमे हिनक जीवनक अधिकांश समय व्यतीत भऽ गेलैन। पछाति (प्राय: 2000 इस्वीक बादसँ) साहित्य लिखब शुरू केलाह जे अद्यतन नियमित छैथ। ई अप्पन सहज सोच, सकारात्मक भाव तथा नव दृष्टि लेल मैथिली साहित्य जगतमे प्रसिद्ध ओ यशस्वी रचनाकार छैथ।
पुरस्कार: ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘टैगोर लिटिरेचर एवार्ड’, ‘अमर शहीद रामफल मंडल राष्ट्रीय पुरस्कार’, ‘यात्री चेतना पुरस्कार’ सहित अनेक पुरस्कार।
सम्मान: ‘विदेह सम्मान’, ‘कौशिकी साहित्य सम्मान’, ‘वैद्यनाथ मिश्र यात्री सम्मान’, ‘कौमुदी सम्मान’, ‘बाबू साहेव चौधरी सम्मान’, ‘वैदेह सम्मान’, ‘राजकमल चौधरी साहित्य सम्मान’, ‘यात्री सम्मान’, ‘महाकवि पण्डित लालदास साहित्य गौरव सम्मान’, ‘शिखर सम्मान’ आदि अनेक सम्मान।
कथा संग्रह: गामक जिनगी, क्रान्तियोग, सुभिमानी जिनगी, त्रिकालदर्शी, दिवालीक दीप, अप्पन गाम, कृषियोग, रहै जोकर परिवार, कर्ताक रंग कर्मक संग, गामक सूरत बदैल गेल, अन्तिम परीक्षा, फलहार, गुलेती दास, समयसँ पहिने चेत किसान, अप्पन साती आदि लगभग 80 कहानी संग्रह।
नाटक: मिथिलाक बेटी, कम्प्रोमाइज, कल्याणी, स्वयंवर आदि 12 नाटक/एकांकी।
कविता: इन्द्रधनुषी अकास, गीतांजलि, रहसा चौरी, सरिता, सुखाएल पोखरिक जाइठ, राति-दिन, तीन जेठ एगारहम माघ, कामधेनु आदि 12 पद्य संग्रह।
बाल साहित्य: नै धाड़ैए, बाल गोपाल, कुण्ठा, स्मृति शेष, नियति आ पुरुषार्थ, मुक्ति, प्रकृतिस्थ, समाजक ऐना, अप्पन सेवा अपने हाथ आदि।
नारी केन्द्रित पुस्तक: अर्द्धांगिनी, स्वयंवर, कल्याणी, मिथिलाक बेटी, सतमाए, बेटीक पैरुख, इज्जत गमा इज्जत बँचेलौं, सुचिता, श्रद्धा, सुनयना बेटी आदि।
निबन्ध-प्रबन्ध-समालोचना: पयस्विनी।
उपन्यास: मौलाएल गाछक फूल, उत्थान-पतन, जिनगीक जीत, जीवन-मरण, जीवन संघर्ष, बड़की बहिन, लहसन, पंगु, सुचिता, मोड़पर, संकल्प, अन्तिम क्षण आदि लगभग 20 उपन्यास।