आजाद देश की गुलाम बेटियां,
कभी हरियाणा, कभी दिल्ली, कभी कोलकाता केश से परेशान बेटियां,
फिर भी समाज में बदनाम बेटियां ।
यूं तो होती है पूजा उनकी,
फिर क्यों इन अत्याचारों से लाचार बेटियां,
क्यों इस स्वतंत्र से भारत में अस्वतंत्र सा नाम बेटियां,
यू तो लोग कहते हैं शॉर्ट्स पहन के घूमती हैं,
तभी तो दरिंदों की नजर उनपे पड़ती है।
लेकिन क्या कहेगा ये समाज ?
हमारे बेटों से परेशान बेटियां!
अस्पतालों में दूसरो की जान बचा के,
खुद ही जान गंवा दी, ऐसा एक नाम बेटियां.
आखिर क्यों? आज़ाद देश की गुलाम बेटियां?
– आकांक्षा तिवारी